1. यदि छात्र अनैतिकता मूलक या गंभीर अपराध में अभियुक्त पाया गया तो उसका प्रवेष तत्काल निरस्त
कर दिया जायेगा ।
2. यदि छात्र रैगिंग में लिप्त पाया गया तो छत्तीसगढ़ शैक्षणिक संस्थानों में प्रताड़ना प्रतिषेध अधिनियम ,
2001 के अनुसार रैगिंग किये जाने पर अथवा रैगिंग के लिये प्रेरित करने पर पाॅंच साल तक कारावास
की सजा या पाॅंच हजार रूपये जुर्माना अथवा दोनों से दण्डित किया जा सकता है ।
3. यदि विद्यार्थी समय-सीमा में शुल्क का भुगतान नहीं करते तो उनका नाम काट दिया जायेगा ।
4. यदि विद्यार्थी प्रार्थना पत्र अथवा आवेदन में तथ्यों को छिपायेगा अथवा गलत प्रस्तुत करेगा तो उसका
प्रवेष निरस्त कर उन्हें महाविद्यालय से पृथक कर दिया जायेगा ।
5. महाविद्यालय में प्रवेष लेने हेतु विद्यार्थी द्वारा प्रस्तुत किये गये आवेदन पत्र में उनके पालक अभिभावक
का घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करना अनिवार्य है ।