अंत्यत हर्ष का विषय था कि शासकीय पातालेश्वर महाविद्यालय मस्तूरी ,जिला -बिलासपुर छ.ग प्रथम बार विज्ञान संकाय के अन्तर्गत जन्तुविज्ञान विभाग के तत्वाधान में महाविद्यालय में ’’पर्यावरणीय मुद्दे’’जैसे ज्वलंत विषय पर राष्ट्रीय शोंध संगोष्ठी (एक दिवसीय)का आयोजन किया गया । इसका प्रायोजन विश्वविद्यालय अनुदान आयंोग क्षेत्रीय कार्यालय भोपाल (म.प्र.) के द्वारा किया गया । इस राष्ट्रीय शोंध संगोष्ठी की आयोजन समिती की संरक्षक डाॅ.एस.एम. तिमोथी संयोजक प्रो.एल.के.निराला ,सचिव प्रो.भुवनसिह राज सहसचिव प्रो. एन.के. रेलवानी थे और इस राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी का मंच संचालन डाॅ. (श्रीमती) किरण ठाकुर के द्वारा किया गया ,उसके अलावा महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक व सहा.प्राध्यापक इस आयोजन समिती के सदस्य थे।
यह राष्ट्रीय शोंध संगोष्ठी महाविद्यालय में 2 दिसम्बर 2015 का आयोजित की गई । इस संगोष्ठी में पर्यावरण व उसके संरक्षण के विषय पर ,देश ,प्रदेश व विशेषकर बिलासपुर शहर के पर्यावरण विषय के विशेषज्ञों ने इस विषय पर अपने व्याख्यान प्रस्तुत किये । इस संगोष्ठी के प्रमुख विचार व्यक्त डाॅ. के .आर. साहू व इसके अलावा अमरकंटक विश्वविद्यालय के डाॅ. प्राणवीर सिंह थे। इसके अलावा बिलासपुर के सी. एम.डी.कालेज की डाॅ.वीणापाणी दुबे, डाॅ. बाय.एन.झा, ने इस राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी के लिये अपनें विचार प्रस्तुत किया । इस राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी में करीब 70 शोंध पत्र प्रस्तुत किये गये ।
जिनमें से प्रमुखतः ’’पर्यावरण संरक्षण भारतीय संस्कृतिक परिपेक्ष्य के रूप’’ में डाॅ. कावेरी दाभड़कर सहायक प्राध्यापक, शासकीय बिलासा कन्या महाविद्यालय बिलासपुर के द्वारा ,’’प्रदूषण नियंत्रण पर सक्रिय उपाय’’ डाॅ. के .आर मतावले के द्वारा ’’इम्पेक्ट आॅफ क्लाईमेट चेज आन बायोडायवरसिटी’’ पर डाॅ. आशा कबीर के द्वारा अपने शोध पत्र प्रस्तुत किया गये ।
इस राष्ट्रीय सेमीनार का समापन डाॅ. राजकुमार सचदेव कुलसचिव ,पं. सुन्दरलाल शर्मा (मुक्त) विश्वविद्यालय की उपस्थिति में किया गया ।
National workshop organized by department of sociology on 2 December, 2015, sponsored by UGC.