बिलासपुर जिला मुख्यालय से 18 किलोमीटर दूर विकासखंड मुख्यालय, मस्तूरी में महाविद्यालय की स्थापना तत्कालीन मध्यप्रदेष षासन के पूर्व शिक्षामंत्री माननीय स्व. श्री बंषीलाल धृतलहरे जी के अथक प्रयासों से सन् 16/19 अगस्त 1988 को की गई । स्थापना काल से सन् 30.10.2000 तक महाविद्यालय शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मस्तूरी में प्रातःकालीन पाली में संचालित होता रहा । छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना 01 नवम्बर 2000 से महाविद्यालय, षासन द्वारा प्रदत्त कोसमडीह रोड मस्तूरी में 15 एकड़ भूमि आबंटित की गई हैं, जिसमें सांसद /विधायक मद, जनभागीदारी समिति कोश द्वारा निर्मित कक्ष एवं सभा भवन तथा यू.जी.सी. अनुदान द्वारा निर्मित पुस्तकालय भवन में कला संकाय के अंतर्गत स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर का अध्यापन कार्य संचालित हो रहा है ।..
2006-07 में क्षेत्रीय विधायक एवं माननीय पूर्व उच्च शिक्षामंत्री डाॅ. कृश्णमूर्ति बांधी, छत्तीसगढ़ षासन के अथक प्रयासों से महाविद्यालय के नवीन भवन का प्रस्ताव पारित हुआ, तदनुसार लगभग 76.59 लाख रूपये लागत से महाविद्यालय भवन लोक निर्माण विभाग, बिलासपुर द्वारा निर्मित कराया गया है । जिसका लोकार्पण माननीय मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह, छत्तीसगढ़ षासन द्वारा विकास यात्रा के दौरान दिनांक 13 जून 2008 को किया गया ।
सत्र 2008-09 में महाविद्यालय में विज्ञान एवं वाणिज्य संकाय प्रारंभ हुआ है । अनुसूचित जाति बाहुल्य विकासखंड मस्तूरी में स्थापित महाविद्यालय स्थापना काल से आज पर्यन्त अध् ययन, अध्यापन, पुस्तकालय, क्रीड़ा, राश्ट्रीय सेवा योजना, भैतिक संसाधन के माध्यम से भावी नागरिकों का सर्वांगीण विकास कर रहा है ।
महाविद्यालय जब प्रारंभ हुआ था उस समय छात्रों की संख्या 07 थी । महाविद्यालय में छात्र-छात्राओं की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है। वर्तमान में लगभग 350 छात्र/छात्राएं अध्ययनरत् है । महाविद्यालय में परीक्षाफल अच्छा रहता है । महाविद्यालय के छात्र-छात्राएं समाज के विभिन्न क्षेत्रों में अपनी सेवायें दे रहे है ।